रायगढ़, 13 दिसंबर। इधर राइस मिलर्स ने काम बंद कर दिया है और दूसरी तरफ धान खरीदी नीति का उल्लंघन हो रहा है। सरकार ने दावा किया था कि इस बार 72 घंटे में धान का उठाव कर लिया जाएगा। खरीदी शुरू हुए एक महीना बीत चुका है, लेकिन उठाव नहीं हुआ। शुक्रवार को कलेक्टर ने रायगढ़ के राइस मिलर्स की बैठक ली लेकिन बात नहीं बनी। धान खरीदी के बाद समय पर उठाव नहीं होने से सूखत, शॉर्टेज का खेल शुरू हो जाता है। धान का जितना ज्यादा स्टॉक होगा, उतनी ही ज्यादा बोगस खरीदी होती है। उठाव होता जाता है तो समीक्षा होती रहती है। अब तक धान उठाव के लिए 48 घंटे का समय होता था, लेकिन इस बार 72 घंटे में उठाव किया जाना था।
खरीदी को एक महीना पूरा होने वाला है लेकिन उठाव एक प्रश भी नहीं हुआ है। 72 घंटे में उठाव के स्थान पर एक महीना गुजर चुका है। इस बीच मिलर्स ने 20 दिसंबर तक हड़ताल में जाने का फैसला किया है। शुक्रवार को इस बात को लेकर कलेक्टर ने राइस मिलर्स की बैठक कलेक्टोरेट में रखी थी। राइस मिलर्स को धान उठाने और चावल जमा करने का फरमान सुनाया गया, लेकिन मिलर्स ने हड़ताल का हवाला दिया। सूत्रों के मुताबिक कड़े शब्दों में मिलर्स को चेतावनी दी गई है। पूरे प्रदेश के मिलर्स एकजुट हैं, इसलिए किसी भी जिले में संगठन से अलग जाकर कोई काम नहीं करना चाहता है।
रायगढ़ में 23-24 का चावल भी बचा है और अब 24-25 का धान आ गया है। शुक्रवार दोपहर हुई बैठक में कलेक्टर ने किसी भी हाल में मिलिंग कार्य करने, बारदाना जमा करने, एग्रीमेंट करने का आदेश दिया, लेकिन इस पर मिलर्स राजी नहीं हुए। उन्होंने दो-तीन दिन का समय मांगा है। संभव है तब तक रायपुर में सरकार से बातचीत में कोई रास्ता निकल जाएगा। राईस मिलर्स वर्ष 2022-23 के प्रोत्साहन की एक किश्त चाहते हैं। एसएलसी की दर से भुगतान पर भी निर्णय नहीं किया गया।