खान-पान के जरिए छत्तीसगढ़ी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजधानी रायपुर गढ़कलेवा विख्यात है. संस्कृति विभाग परिसर में स्थित गढ़कलेवा में चीला फरा के अलावा आप बोरे बासी का स्वाद ले सकते हैं. बोरे बासी का नाम सुनकर सोच में पड़ गए होंगे कि यह क्या और कैसा होता है. बोरे बासी तैयार कैसे होता है और इसकी खासियत क्या है. दरअसल बोरे बासी विटामिन बी 12 से भरपूर होता है. साथ ही इसके सेवन से ब्लड और हाइपरटेंशन कंट्रोल होता है. इसमें आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है.
बोरे बासी में होते हैं ये पौष्टिक तत्व
बोरे बासी खाने से पाचन क्रिया सही सहती है और शरीर में ठंडकता रहती है. राजधानी रायपुर से लगभग 84 किमी दूर महासमुंद जिले के ग्राम पटेवा के पास ग्राम रायतुम में एक ऐसा नेचर क्योर सेंटर है, जहां डॉक्टर भी मरीज के डाइट में बोरे बासी को अनिवार्य और मुख्य आहार के रूप में शामिल करते हैं. यहां के डॉक्टरों का मानना है कि बोरे बासी में भरपूर विटामिन बी 12, कैल्शियम, पोटेशियम सहित अनेक पौष्टिक गुण के साथ हृदय रोग, त्वचा रोग, डायरिया सहित अनेक रोगों से लड़ने की क्षमता है .